नकली दवाओं का जाल: नकली दवाओं की पहचान, बचाव और एक जिम्मेदार उपभोक्ता बनें ।

 

नकली दवाओं से बचाव: एक जिम्मेदार उपभोक्ता बनें

आप बीमार हैं और दवा की दुकान पर जाकर डॉक्टर के पर्चे के अनुसार दवा खरीदते हैं। लेकिन क्या आप इस बात को लेकर पूरी तरह से निश्चिन्त हैं कि जो मेडिसिन आपको दी जा रही है वह असली है? भारत में नकली दवाओं (medicines) की समस्या काफी गंभीर है और यह मरीजों के स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा बनती जा रही है।

2022 के एक अध्ययन से पता चला क़ि , भारत में लगभग 25% दवाएं नकली, जाली या घटिया गुणवत्ता (Quality) वाली पाई गयी हैं। ये नकली और फेक दवाएं न केवल बीमारी को ठीक करने में विफल रहती हैं, बल्कि मरीज के स्वास्थ्य में और अधिक गंभीर समस्याएं भी पैदा कर रही हैं।
भारत एक देश है जहां नकली दवाओं का पाया जाना बड़ी समस्या है। यह नकली दवाएँ लोगों के स्वास्थ्य को खतरे में डाल रही हैं। लेकिन सही जानकारी और सतर्कता के साथ, लोग नकली दवाओं को पहचान सकते हैं और अपने स्वास्थ्य को बचा सकते हैं। इस लेख में, हम नकली दवाओं की पहचान और उनसे बचाव के बारे में चर्चा करेंगे।

हम आज आपको नकली दवाओं के विभिन्न प्रकारों और उन्हें असली दवाओं से अलग पहचानने के तरीकों के बारे में बताएंगे। साथ ही, हम यह भी बताएंगे कि आप कैसे जान और पहचान सकते हैं कि आप असली और नकली दवा खरीद रहे हैं।

नकली दवाओं के प्रकार:(Types of Fake Medicines):

नकली दवाओं को मुख्य रूप से तीन श्रेणियों में बांटा जा सकता है:

जाली या नकली दवाएं (Counterfeit Medicines): ये दवाएं किसी जानी-मानी कम्पनी या ब्रांड(Brand) की हूँ-बहू नकल होती हैं और दिखने में बिल्कुल-एमअसली दवाओं जैसी लगती हैं। लेकिन, इन दवाओं में असली दवा में पाए जाने वाले जरूरी औषधीय तत्व (Active Ingredients) नहीं होते हैं। इसलिए, ये दवाएं पूरी तरह से बेअसर-बेकार होती हैं और बीमारी को ठीक करने में कोई मदद नहीं करतीं।

मिलावटी दवाएं (Contaminated Medicines): इन दवाओं में तो वांछित- बहुत काम औषधीय तत्व (Active Ingredients) होते हैं, लेकिन उनके साथ कुछ अन्य हानिकारक पदार्थ भी मिले होते हैं। हाल ही में छापे के दौरान पकड़ी गईं नकली दवाओं की जाँच की गयी और इन में चॉक पाउडर(chalk powder) और स्टार्च (starch) पाया गया। ऐसी मिलावटी दवाएं लेने से गंभीर बीमारियां, यहां तक कि मृत्यु भी हो सकती है।

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गलत लेबल वाली दवाएं (Mislabeled Medicines): इन दवाओं के पैकेजिंग और लेबल पर गलत जानकारी दी गई होती है। उदाहरण के लिए- दवा के नाम में गलती हो सकती है, या फिर दवा की (Expiry Date) समाप्ति तिथि गलत लिखी होती है। ऐसी दवाओं के लेने शरीर को खतरा होता है, जो स्वास्थ्य को नुकसान तो पहुंचाते तो हैं बल्कि कभी-कभी शरीर में ऐसी दवाओं का रिएक्शन होने से मरीज की जान भी जा सकती है।

नकली दवाओं की पहचान कैसे करें:(How to Identify Fake Medicines):

नकली मेडिसन की पहचान यह थोड़ा मुश्किल है। देखने से ही असली और नकली दवा में अंतर कर पाना मुश्किल है मगर कुछ बातों का या कुछ सावधानियां रखा कर  नकली दवाओं के जाल में फंसने से बचा जा सकता है।

यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं जिनकी मदद से आप नकली दवाओं की पहचान आसानी से कर सकते हैं।

दवा के लेबल की जांच (Checking the Medicine Label): सबसे पहले दवा के लेबल को ध्यान से देखें, लेबल पर लिखी सारी जानकारी, जैसे कि दवा का नाम, कम्पनी का नाम, निर्माण तिथि (peking date), समाप्ति तिथि((Expiry Date)), सामग्री की सूची आदि को ध्यान से देख कर पढ़ें। किसी भी तरह की गलती, छपाई में खराबी, लिखे हुवे को मिटाने के निशान या ऊपर से दूसरा लेबल का लगा होना दिखे तो सावधान हो जाना चाहिए। ऐसी दवा लेने से बचें । 

पैकेजिंग की जांच (Checking the Packaging): असली दवाओं की पैकेजिंग बनावट अच्छी और टिकाऊ होती है। पैकेजिंग में किसी भी तरह की खराबी, सील टूटना या छेड़छाड़ के निशान होने पर दवा न ले।

दवा की समाप्ति तिथि और बैच नंबर की जांच (Checking the Expiry Date and Batch Number): हमेशा दवा की समाप्ति तिथि (Expiry Date) और बैच नंबर देख कर ही दवा ख़रीदे। दवा ओवर-डेट(समाप्ति तिथि) होने पर भी लाभ की जगह हानि ही पहुँचती है। और रिएक्शन का खतरा रहता है।

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नकली दवाओं से बचने के लिए, हम सभी को जिम्मेदार उपभोक्ता बनने की आवश्यकता है:

जागरूकता: नकली दवाओं के बारे में जानकारी प्राप्त करें और उनके खतरों को समझें।
सावधानी: दवा खरीदते समय सावधानी बरतें। दवा के लेबल, पैकेजिंग, समाप्ति तिथि और बैच नंबर की जांच करें।
प्रतिष्ठित फार्मेसी: केवल प्रतिष्ठित फार्मेसियों से दवाएं खरीदें।
डॉक्टर का पर्चा: डॉक्टर के पर्चे के अनुसार ही दवाएं खरीदें।
ऑनलाइन खरीदारी: ऑनलाइन फार्मेसियों से दवा खरीदते समय सावधानी बरतें। केवल विश्वसनीय वेबसाइटों से ही दवाएं खरीदें।
क्यूआर कोड: क्यूआर कोड वाली दवाएं खरीदें। इन क्यूआर कोड को स्कैन करके आप दवा की प्रामाणिकता की जांच कर सकते हैं।
शिकायत: यदि आपको लगता है कि आपको नकली दवा मिली है, तो तुरंत इसकी शिकायत करें।

नकली दवाओं के खिलाफ लड़ाई में उपभोक्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। थोड़ी सी सावधानी बरतकर हम नकली दवाओं से खुद को और अपने परिवार को बचा सकते हैं।

याद रखने वाली बात:

  • सस्ते दामों के लालच में न आएं नकली दवाएं ही अक्सर सस्ते दामों पर बेची जाती हैं।
  • अगर दवा का नकली होने का संदेह है, तो दवाओं का परीक्षण- जाँच करवाएं ।
  • नकली दवाओं से बचाव के लिए, हमें एकजुट होकर काम करने की आवश्यकता है।

निष्कर्ष:

अभी तक के लेख से पता चलता है की अगर हमें स्वस्थ और सुरक्षित रहना है तो दवाओं के प्रति हमें सर्तक होना जरूरी है । और साथ ही अपने आस पास के लोगों को भी इस के लिए बताना या जागरूक करना जरुरी है । तो आओ सब मिल कर इस नकली दवाओं के भष्ट्राचार को समाप्त करने के लिए एक जुट हो जाएँ । किसी चीज की जानकारी होना बहुत जरुरी है ।

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धन्यवाद । मोहन नेगी 

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